भारतीय इतिहास का विकृतीकरण
लेखक : रघुनन्दन प्रसाद शर्मा
हिन्दू राइटर्स फोरम
129 बी, एम.आई.जी. फ्लेट्स, राजौरी गार्डन, नई दिल्ली-110027
विषय सूची
- १प्रमुख विकृतियाँ
- २दो शब्द
- ३प्रकाशकीय
- ४भारत का आधुनिक रूप में लिखित इतिहास
- ५भारत के इतिहास में विकृतियाँ की गईं, क्यों?
- ६भारत के इतिहास में विकृतियाँ कीं, किसने?
- ६.१परकीय सत्ताओं का इतिहास-लेखन में दखल
- ६.२जर्मन और अंग्रेज लेखकों में भारत के संदर्भ में लिखने की होड़
- ६.३संस्कृत साहित्य और भारतीय संस्कृति के प्रचार से ईसाई पादरियों में बौखलाहट
- ६.४इतिहास को विकृत करने वाले जर्मनी और इंग्लैण्ड के लेखक
- ६.५इतिहास के विकृतीकरण में धन-लोलुप संस्कृतज्ञ भी पीछे नहीं रहे
- ७भारत के इतिहास में विकृतियाँ की गईं, कहाँ
- ८भारत के इतिहास में विकृतियाँ की गईं, कैसे
- ८.१भारत के प्राचीन विद्वानों को कालगणना-ज्ञान से अनभिज्ञ मानकर
- ८.२माइथोलॉजी की कल्पना कर
- ८.३विदेशी-साहित्य को अनावश्यक मान्यता देकर
- ८.४विदेशी पर्यटकों के विवरणों को प्रामाणिक समझकर
- ८.५अनुवादों के प्रमाण पर
- ८.६विकासवाद के अनुसरण पर
- ८.७पुरातात्त्विक सामग्री की भ्रामक समीक्षा को स्वीकार कर
- ८.८तिथ्यांकन प्रणाली की भ्रामक समीक्षा को मानकर
- ८.९पाश्चात्य विद्वानों के संस्कृत के अधकचरे ज्ञान की श्रेष्ठतापर विश्वास कर
- ९भारत के इतिहास में विकृतियाँ की गईं, क्या-क्या?
- ९.१ऐतिहासिक
- ९.१.१आर्य लोग भारत में बाहर से आए
- ९.१.२आर्यों ने भारत के मूल निवासियों को युद्धों में हराकर दास या दस्यु बनाया
- ९.१.३भारत के मूल निवासी द्रविड़
- ९.१.४दासों या दस्युओं को आर्यों ने अनार्य बनाकर शूद्रकी कोटि में डाला
- ९.१.५यूरोपवासी आर्यवंशी
- ९.१.६भारत की सभ्यता विश्व में सर्वाधिक प्राचीन नहीं
- ९.१.७आदि मानव जंगली और मांसाहारी
- ९.१.८वेदों का संरचना काल 1500 से 1200 ईसापूर्व तक
- ९.१.९भारत की ऐतिहासिक घटनाओं की तिथियों की हेरा-फेरी
- ९.२साहित्यिक
- ९.२.१भारत में ऐतिहासिक सामग्री का अभाव
- ९.२.२भारत का प्राचीन साहित्य, यथा- रामायण, महाभारत, पुराण आदि 'मिथ'
- ९.२.३राजाओं और राजवंशों के वर्णन अतिरंजित एवं अवास्तविक
- ९.२.४सिकन्दर का भारत पर आक्रमण 327 ई.पू. में हुआ और सेंड्रोकोट्टस (चन्द्रगुप्त मौर्य) 320 ईसापूर्व भारत का सम्राट बना
- ९.२.५यूनानी साहित्य में वर्णित सेंड्रोकोट्टस ही चन्द्रगुप्तमौर्य
- ९.२.६पालीबोथ्रा ही पाटलिपुत्र
- ९.३वैज्ञानिक
- ९.४विविध
- ९.१ऐतिहासिक
- १०निष्कर्ष
- ११परिशिष्ट
- ११.१अयोध्या के सूर्यवंशी राजा
- ११.२हस्तिनापुर के चन्द्रवंशी राजा
- ११.३मगध के विभिन्न राजवंश
- ११.३.१प्रथम राजवंश : बार्हद्रथ वंश के 22 राजा (राज्यकाल 1006 वर्ष)
- ११.३.२द्वितीय राजवंश : प्रद्योत वंश के 5 राजा (राज्यकाल 138 वर्ष)
- ११.३.३तृतीय राजवंश : शिशुनाग वंश के 10 राजा (राज्यकाल 360 वर्ष)
- ११.३.४चतुर्थ राजवंश : नन्द वंश के राजा (राज्यकाल 100 वर्ष)
- ११.३.५पंचम राजवंश: मौर्य वंश के 12 राजा (राज्यकाल 316 वर्ष)
- ११.३.६षष्ठम राजवंश: शुंग-वंश के 10 राजा (राज्यकाल 300 वर्ष)
- ११.३.७सप्तम राजवंश : कण्व वंश के 4 राजा (राज्यकाल 85 वर्ष)
- ११.३.८अष्टम राजवंश : आंध्र वंश के 32 राजा (राज्यकाल 506 वर्ष)
- ११.३.९नवम राजवंश : गुप्त वंश के 7 राजा (राज्यकाल 245 वर्ष)
- १२इन्हें भी देखें
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