"यदि मनुस्मृति में #जाति शब्द आप न दिखा पाए तो आपके साथ क्या व्यवहार किया जाना चाहिए?

स्मृतियों को जलाने वाला वह व्यक्ति था जिसको संस्कृत का स भी नही आता था।
उसको कैसे पता कि मनुस्मृति से जाति व्यवस्था का जन्म हुआ था?
क्योंकि वह मैकाले का ओरिजिनल पुत्र था, जिनके बारे में मैकाले ने लिखा था कि इस शिक्षा व्यवस्था से एलियंस और स्टुपिड प्रोटागोनोस्ट पैदा किये जायेंगे।
बख्तियार ने ग्रंथालय जलाया था।
बाबा साहेब ने ग्रंथ।
एलियंस और स्टुपिड प्रोटागोनिस्ट आज भी पैदा हो रहे हैं जिनको भारत का इतिहास और संस्कृति के बारे में कुछ भी नही पता है।
ये वर्ण कास्ट और जाति का अंतर भी नही जानते।
इन पढ़े लिखो से अच्छे लोग वे है जिन्हें आप अनपढ़ और गवार कहते हैं। ये कलंक है भारत के। कोढ़ है कोढ़।

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