16_ दिसंबर 2012 की रात आप को याद होगी। निर्भया
इस दिन निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ।
बलात्कार तो आम बात है भारत में मगर उस बलात्कार में निर्भया ने उनका डटकर विरोध किया परन्तु जब वह संघर्ष करते-करते थक गयी तो उन्होंने पहले तो उससे बेहोशी की हालत में बलात्कार करने की कोशिश की परन्तु सफल न होने पर ------------ ------ ------ ----- ------------- अन्तरंगों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
भारत में बलात्कार पीड़ित का नाम उजागर नहीं किया जाता इस लिए इस समाज ने उस को निर्भया नाम दिया।
अभियुक्त थे
राम सिंह
मुकेश सिंह
विनय शर्मा
पवन गुप्ता
अक्षय ठाकुर
भारत में ये कानून भी है की नाबालिक अभियुक्त का नाम भी उजागर नहीं किया जाता। ना पेपर वाले ना चैनल वाले।
ये एक ऐसी घटना है जिस ने मेरे दिलो दिमाग को झनझोर दिया। निर्भया की माता जी उस के पिता जी का चेहरा घूमता है आँखों के सामने। सोचता हूँ की ईश्वर का अस्तित्व नहीं है। अगर होता तो ऐसे लोग नहीं होते । और अगर होते भी तो इतनी बर्बरता नहीं करते। किस पर भरोसा करे भगवान् पर सरकार पर नेता पर।
भारत में बलात्कार पीड़ित का नाम उजागर नहीं किया जाता। मगर BBC अपनी डोक्युमेंटेरी में बताती है की लड़की का नाम "ज्योति सिंह" और अभियुक्त के नाम भी। उन का इंटरव्यू भी। छुपा दिया जाता है Juvenile मतलब नाबालिक अभियुक्त का नाम। आधा कानून का पालन करा आधे का नहीं। पीड़ित का नाम बता दिया मगर जुवेनाइल का नहीं। और ये डोक्युमेंटेरी बनती है देश की राजधानी दिल्ली में। तिहाड़ जेल में। ये सब सरकार और सिविल सर्वेंट की मोजुदगी में होता है।
चलो इंटरनेट के दौर में नाम पता करना कोई बड़ी बात नहीं।
16 दिसंबर निर्भया कांड। हर साल 16 दिसंबर आती है। तो दिसंबर में ही Juvenile की सजा खत्म हो रही थी।
बाकि को सजाये मोत दी गयी । एक ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी।
अब देखिये कमीने लोगो का खेल। अराजक तत्वों का खेल।
20 दिसंबर 2015 को Juvenile की रिहाई। 16 दिसंबर 2012 को ये घटना हुयी। लोगो में आक्रोश था। की Juvenile की रिहाई नहीं होनी चाहिए। पर्दशन भी हुआ।
और 15 दिसंबर 2015 को कजरी बोलता है juvenile के रिहैबिलिटेशन के लिए दिल्ली सरकार 10 हज़ार रूपये और सिलाई की मशीन देगी। ये बात 20 दिसंबर के बाद भी बोल सकता था। मगर इस ने देश का माहोल बिगड़ना था। ज़हर घोलना था।
केस था दिल्ली हाई कोर्ट के पास। ये हमारे देश की न्यायपालिका है दोषी को नाबालिक कह कर छोड़ दिया। सब ने इस का विरोध किया। मगर न्यापालिका तो बिग बॉस है। खेल भी ये खेला गया नाबालिक दोषी को उस जेल में रखा गया जहाँ एक कश्मीरी लड़का रहता था जो 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट बम धमाको में शामिल था। पुरे एक साल तक उस को कश्मीर की आज़ादी का पाठ पढ़ाया गया।
फिर 10000 रूपये भी मिले मशीन भी मिली। जब की इस juvenile के पिता ने भी बोला की इस को रिहा ना किया जाये।
इतनी मेहरबानी क्यों की जा रही थी उस पर क्या नाम है उस का ये आज भी राज बना हुआ है।
इंटरनेट का जमाना है सोशल मीडिया है ये नाबालिक यू पी के बदायूं का रहने वाला है और नाम मोहम्मद अफरोज है। इस लिए इस पर इतनी दया दिखाई गयी थी। एक जेहादी और तैयार कर दिया। खुदा के काम के लिए।
और ये खुलासा भी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने किया। आईबी ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि निर्भया रेप और मर्डर कांड का रिहा हो चुका नाबालिग दोषी आतंकियों के संपर्क में है। भारत की खुफिया एजेंसी को शक है कि ‘बालिग’ हो चुके अपराधी के जिहादी लिंक हो सकते हैं।
कहते हैं ना की भारत के दुश्मनो को हथियार सेना की ज़रूरत नहीं। यहाँ बहुत जय चंद हैं जो भारत को बरबाद करने के लिए विधयिका से लेकर न्यायपालिका में बैठे हैं।
मगर आश्चर्य तो तब हुआ जब भारत की एक मात्र महिला राष्ट्र्पति प्रतिभा पाटिल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बलात्कार के पाँच मामलों में दी गयी फाँसी की सजा को माफ करके उम्रकैद में बदल दी।
ये हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति है।
मेरा भारत महान।
ज्योति के माता पिता को ईश्वर हिम्मत दे ये दुख सहने की अगर ईश्वर है तो!
बलात्कार तो आम बात है भारत में मगर उस बलात्कार में निर्भया ने उनका डटकर विरोध किया परन्तु जब वह संघर्ष करते-करते थक गयी तो उन्होंने पहले तो उससे बेहोशी की हालत में बलात्कार करने की कोशिश की परन्तु सफल न होने पर ------------ ------ ------ ----- ------------- अन्तरंगों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
भारत में बलात्कार पीड़ित का नाम उजागर नहीं किया जाता इस लिए इस समाज ने उस को निर्भया नाम दिया।
अभियुक्त थे
राम सिंह
मुकेश सिंह
विनय शर्मा
पवन गुप्ता
अक्षय ठाकुर
भारत में ये कानून भी है की नाबालिक अभियुक्त का नाम भी उजागर नहीं किया जाता। ना पेपर वाले ना चैनल वाले।
ये एक ऐसी घटना है जिस ने मेरे दिलो दिमाग को झनझोर दिया। निर्भया की माता जी उस के पिता जी का चेहरा घूमता है आँखों के सामने। सोचता हूँ की ईश्वर का अस्तित्व नहीं है। अगर होता तो ऐसे लोग नहीं होते । और अगर होते भी तो इतनी बर्बरता नहीं करते। किस पर भरोसा करे भगवान् पर सरकार पर नेता पर।
भारत में बलात्कार पीड़ित का नाम उजागर नहीं किया जाता। मगर BBC अपनी डोक्युमेंटेरी में बताती है की लड़की का नाम "ज्योति सिंह" और अभियुक्त के नाम भी। उन का इंटरव्यू भी। छुपा दिया जाता है Juvenile मतलब नाबालिक अभियुक्त का नाम। आधा कानून का पालन करा आधे का नहीं। पीड़ित का नाम बता दिया मगर जुवेनाइल का नहीं। और ये डोक्युमेंटेरी बनती है देश की राजधानी दिल्ली में। तिहाड़ जेल में। ये सब सरकार और सिविल सर्वेंट की मोजुदगी में होता है।
चलो इंटरनेट के दौर में नाम पता करना कोई बड़ी बात नहीं।
16 दिसंबर निर्भया कांड। हर साल 16 दिसंबर आती है। तो दिसंबर में ही Juvenile की सजा खत्म हो रही थी।
बाकि को सजाये मोत दी गयी । एक ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी।
अब देखिये कमीने लोगो का खेल। अराजक तत्वों का खेल।
20 दिसंबर 2015 को Juvenile की रिहाई। 16 दिसंबर 2012 को ये घटना हुयी। लोगो में आक्रोश था। की Juvenile की रिहाई नहीं होनी चाहिए। पर्दशन भी हुआ।
और 15 दिसंबर 2015 को कजरी बोलता है juvenile के रिहैबिलिटेशन के लिए दिल्ली सरकार 10 हज़ार रूपये और सिलाई की मशीन देगी। ये बात 20 दिसंबर के बाद भी बोल सकता था। मगर इस ने देश का माहोल बिगड़ना था। ज़हर घोलना था।
केस था दिल्ली हाई कोर्ट के पास। ये हमारे देश की न्यायपालिका है दोषी को नाबालिक कह कर छोड़ दिया। सब ने इस का विरोध किया। मगर न्यापालिका तो बिग बॉस है। खेल भी ये खेला गया नाबालिक दोषी को उस जेल में रखा गया जहाँ एक कश्मीरी लड़का रहता था जो 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट बम धमाको में शामिल था। पुरे एक साल तक उस को कश्मीर की आज़ादी का पाठ पढ़ाया गया।
फिर 10000 रूपये भी मिले मशीन भी मिली। जब की इस juvenile के पिता ने भी बोला की इस को रिहा ना किया जाये।
इतनी मेहरबानी क्यों की जा रही थी उस पर क्या नाम है उस का ये आज भी राज बना हुआ है।
इंटरनेट का जमाना है सोशल मीडिया है ये नाबालिक यू पी के बदायूं का रहने वाला है और नाम मोहम्मद अफरोज है। इस लिए इस पर इतनी दया दिखाई गयी थी। एक जेहादी और तैयार कर दिया। खुदा के काम के लिए।
और ये खुलासा भी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने किया। आईबी ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि निर्भया रेप और मर्डर कांड का रिहा हो चुका नाबालिग दोषी आतंकियों के संपर्क में है। भारत की खुफिया एजेंसी को शक है कि ‘बालिग’ हो चुके अपराधी के जिहादी लिंक हो सकते हैं।
कहते हैं ना की भारत के दुश्मनो को हथियार सेना की ज़रूरत नहीं। यहाँ बहुत जय चंद हैं जो भारत को बरबाद करने के लिए विधयिका से लेकर न्यायपालिका में बैठे हैं।
मगर आश्चर्य तो तब हुआ जब भारत की एक मात्र महिला राष्ट्र्पति प्रतिभा पाटिल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बलात्कार के पाँच मामलों में दी गयी फाँसी की सजा को माफ करके उम्रकैद में बदल दी।
ये हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति है।
मेरा भारत महान।
ज्योति के माता पिता को ईश्वर हिम्मत दे ये दुख सहने की अगर ईश्वर है तो!
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