पवित्रा एकादशी : तेजस्वी संतान और वायपेयी यज्ञ का फल देती है यह पवित्र एकादशी
* श्रावण शुक्ल एकादशी की प्रामाणिक कथा...
वर्षभर के प्रत्येक मास में 2 एकादशी तिथियां आती हैं- एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में। जो भक्त एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान से करता है, उसकी समस्त
मनोकामनाएं श्रीहरि विष्णु शीघ्र ही पूरी करते हैं...।
भारतीय हिन्दू संस्कृति में हर महीने की 11वीं तिथि यानी एकादशी (ग्यारस) को व्रत-उपवास किया जाता है। यह तिथि अत्यंत पवित्र तिथि मानी गई है। वर्षभर की दो एकादशियों को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह है श्रावण और पौष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी, इन दोनों एकादशियों को पुत्रदा एकादशी कहते हैं।
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्तमान में पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी दिसंबर/जनवरी के महीने में पड़ती है, जबकि जुलाई/अगस्त के महीने श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी पड़ती है। इसे पुत्रदा एकदशी, पवित्रोपना एकादशी, पवित्रा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह तिथि 21 अगस्त 2018 को मनाई जा रही है, लेकिन मतांतर से यह कई स्थानों पर 22 अगस्त को भी मनाई जाएगी...
http://hindi.webdunia.com/ekadashi-vrat-katha/pavitra-ekadashi-118082000035_1.html
वर्षभर के प्रत्येक मास में 2 एकादशी तिथियां आती हैं- एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में। जो भक्त एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान से करता है, उसकी समस्त
मनोकामनाएं श्रीहरि विष्णु शीघ्र ही पूरी करते हैं...।
भारतीय हिन्दू संस्कृति में हर महीने की 11वीं तिथि यानी एकादशी (ग्यारस) को व्रत-उपवास किया जाता है। यह तिथि अत्यंत पवित्र तिथि मानी गई है। वर्षभर की दो एकादशियों को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह है श्रावण और पौष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी, इन दोनों एकादशियों को पुत्रदा एकादशी कहते हैं।
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्तमान में पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी दिसंबर/जनवरी के महीने में पड़ती है, जबकि जुलाई/अगस्त के महीने श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी पड़ती है। इसे पुत्रदा एकदशी, पवित्रोपना एकादशी, पवित्रा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह तिथि 21 अगस्त 2018 को मनाई जा रही है, लेकिन मतांतर से यह कई स्थानों पर 22 अगस्त को भी मनाई जाएगी...
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