Hate crime- love jihad, torture, rape-killing out of hatred : मंदसौर, आसाम, बाड़मेर की घटनाएँ और हम

मंदसौर, आसाम , बाड़मेर की घटनाएँ और हम
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मंदसौर की हैवानियत के बाद आप अगर अपने बच्चे को स्कूल भेजते हैं तो ध्यान दीजिए....

कामान्ध नरपिशाचों को मासूमों के साथ हैवानियत का खेल खेलने का शौक सर चढ़ गया है।ऐसे में माता-पिता के रूप में अब हमारे दायित्व सिर्फ ये नहीं रह गये कि हम अपने बच्चों से सिर्फ ये पूछें :-

.🌈.. लंच फिनिश किया था ?

🌈क्या पढ़ाया गया आज?

🌈कोई नोटिस मिली है क्या?

🌈डायरी दिखाओ?

🌈ड्रेस कितना गन्दा किये हो?

🌈किसी टीचर ने शिकायत की तो पिट जाओगे

🌈बड़ों की और टीचर्स की हर बात माना करो।

🌈ज्यादा बातें नहीं।

🌈स्कूल की बकवास बता कर मुझे तंग मत करो।

🌈आदि आदि पूछने से कई गुना जरूरी है अपने बच्चे से प्रतिदिन ये पूछना कि:-

💥बस ड्राइवर ने कुछ कहा है?
💥टीचर कैसे चीयर करती है तुम्हें?
💥टॉयलेट जाती हो तो स्वीपर तो नही होता वहां?
💥क्या आज कुछ गलत या अजीब फील हुआ तुमको?
💥कोई प्राब्लम तो नहीं है तुम्हे स्कूल में?
💥अगर तुम सही हो तो टीचर हो या प्रिंसिपल, किसी से मत डरना।
💥कोई बडा़, घर हो या बाहर, कुछ गलत करने को कहे तो उसकी बात कभी मत मानना।
💥बिल्कुल भी मत डरना।
💥मुझे पूरा विश्वास है तुम पर।💥तुम बिल्कुल भी अकेले/अकेली नहीं हो।
💥कोई धमकी दे, बेखौफ मुझे बताओ।
💥स्कूल तुम से बढ़कर नहीं।

⭐कुछ इस तरह से बच्चों को आत्मविश्वासी बनाएं और उन्हें बिल्कुल lower k.g. से ही गलत टच के बारे में रोज aware कर के स्कूल भेजे।
⭐क्यूंकि समाज अति से ज्यादा गंदा हो चला है। ऐसे में जागरुक माता-पिता बने, बच्चों के साथ friendly रहें अनुशासित वो समय के साथ स्वयं हो जाएंगे।

 ⭐उन्हें हरपल अहसास कराएँ कि वो कितनी अहमियत रखते हैं आपके लिये।
⭐उन्हें इतना जोड़े खुद से कि वे कभी कुछ गलत भी कर जाएँ तो सबसे पहले स्वयं आपको बताएं

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