फ़िलीपींस , जिसको पन्द्रहवीं सदी में स्पेन ने नरसंहार का खेल खेलकर पूरा इसाई बना दिया था उसने भी अपने नेशनल असेंबली में मनु महराज की विशालकाय चित्र लगाया है

फ़िलीपींस , जिसको पन्द्रहवीं सदी में स्पेन और पोप ने नरसंहार का खेल खेलकर पूरा इसाई बना दिया था उसने भी अपने नेशनल असेंबली में मनु महराज की विशालकाय चित्र लगाया है । और स्पेन के मुँह पर जूता मारते हुए लिखा है कि मानवता को पहला न्याय दिलाने वाला महापुरूष ।

When the Philippines drafted its Constitution, it placed the statue of Manu (the progenitor and lawgiver of the human race) in the National Assembly Hall with this inscription on its base:

“The first, the greatest and the wisest law-giver of mankind.”

“मनु धर्म और न्याय के परमपिता है “

फ़िलीपींस तक मनु का सम्मान कर रहा है जो कि इसाई बन चुका हैं ।

क्यो ?

यह सवाल मैने एक फ़िलीपींस की महिला इतिहासकार से पूछा । वह कहती है कि उनके वहाँ मनु स्मृति को लेकर कोई दुराव 500 वर्ष बाद भी नहीं था । क्योकि फ़िलीपींस छोटा था और स्पेन को क़त्लेआम मचाने के लिए मूर्ति पूजकों का ही बस गला काटना था । मूर्तियाँ तोड़नी थी । मनुस्मृति विकृत नही कर पाए ।

मनु स्मृति का सम्मान आज भी हउन सभी देशों ( वियतनाम फ़िलीपींस )में जहाँ अंग्रेज़ पूरी कॉलोनी नही बना पाए । आपके सामने तथ्य आ रहे हैं । मनु स्मृति की विकृति अंग्रेज़ों की देन है ।

मैं वियतनाम और फ़िलिपींस की जनता को साधुवाद देता हूँ जो आज भी मनु को सम्मान दे रही है ।

Sabhar : Raj Shekher Tiwari

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