अवश्य पढ़िए । थोड़ा समय निकाल कर । जम्मू से भी होगा हिन्दू पलायन प्रारंभ??????????


करीब बीस वर्ष पुरानी बात है हमारे शहर के बूढ़ेबालाजी के निकट बस्ती मे महिला रहती थी उसका एक अपंग बालक था वो अपने पति के साथ कहीं बाहर शायद राजस्थान से आई थी कुछ दिन बाद पति उसे छोड़कर चला गया पर वो महिला अपने अपंग बच्चे को लेकर वहीं रहगई लोगो के पूछने पर बताया की पति उस अपंग बालक को छोड़ने के लिये कहरहा था वह नही मानी तो छोड़ कर चला गया
लोग करूणा से भर गये उसकी सहायता करी लोगो ने
उसका अपना एक कच्चाघर तो था ही रहने खाने के लिये लोग आर्थिक सहायता देते
कुछ दिन बाद उसने एक और व्यक्ति से शादी की साल दो साल बाद वह भी चला गया और कारण वही अपंग बालक
यही वाक्या तीसरी बार दोहराया गया
तबतक वो महिला सबल स्थिती मे आचुकी थी
अवैध जुआ, सट्टा , वेश्यावृत्ति सब कुछ वह चलवाती थी आप बोलें वह चीज हाजिर करवादे
बस रूपया मुंह पर फेंकिये
गुना शहर मे स्मैक क्या चीज होती है इसका परिचय उसीने करवाया था
लाखो की उधारी बंटती दस दस टका ब्याज लेती
बाद मे जब प्रशासन सख्त हुआ तो उसके धंधो पर नकेल लगाई गई कई जगह से सूत्र पकड़ते हुये वो गिरफ्तार हुई
जब मार पड़ी तो एक विलक्षण बात निकल कर आई की उसका कोई पति उसे छोड़कर नही गया था
तीनो पतियों को उसने ही मारडाला था जहर देकर
और उन तीनो की लाश अपने कच्ची रसोई घर के फर्श मे गाड़ रखी थी उसी पर चूल्हा बना कर वो धन्य छाती की महिला रोज दसियो पकवान बना कर खाती थी और इस काम मे उसका सहयोग करता वो पांव से अपंग छोरा जो वास्तव मे उसकी संतान नही था
वो तो केवल एक आड़ था जिसके जरिये वो औरत स्थानिय लोगो से सहानुभूति आर्थिक और भावनात्म सहायता पा लेती थी
हमको याद आया की पिताजी ने तब कहा था की वो लंगड़ा लड़का उस औरत का ट्रोजन हॉर्स था
जिन लोगो को लगे की हम यह गल्प लिख रहे हैं वो गुना कोतवालीमे इस मुकदमे की तसदीक करसकते हैं
हां याद आया उस औरत का नाम बहुत शानदार प्रचलित था "डिस्को भाभी"
ट्राय का घोड़े की कहानी विश्वप्रसिद्ध है
लगभग हर पढ़े लिखे इंसान ने कभी ना कभी पढ़ी सुनी है
ट्रय के अभेद्य किले बंदी को तोड़ने के लिये युद्धरत एथेंस वासियो ने युद्ध से पीछे हटने का दिखावा किया और एक बहुत बड़ा लकड़ी का घोड़ा उपहार स्वरूप रख गये
ट्राय वाले उसे किलेॉके अंदर ले गये लेकिन उसमे छुपे योद्धाओं ने रात को किले के दरवाजे को खोल दिया और छुपे उसे यूनानियो ने अविजित ट्राय का सर्वनाश कर दिया
यह महागाथा महान यूनानी कवि होमर ने लिखी है " ओडिसी " के नाम से
होमर जन्मांध थे
यह अश्व एक पुतला ना होकर एक रणनीती थी जो तब से लेकर आजतक सदियो से सभ्यताओं ,राज्यो द्वारा खेली जाती रही
ट्राय का वो महान अश्व लकड़ी का बना था
पर हर बार वो लकड़ी का बने यह जरूरी नही
आज कल वो ट्राय का घोड़ा मांस क भी बनने लगा है
मानव मांस का
वो भी उस वर्ग का जिसको देख कर अविजित शत्रुओ के मन में वैसे ही करूणा, दया ,इंसानियत ,पश्चाताप की भावनाओं का ज्वार आये जैसे कभी ट्राय के मूल अश्व को देख कर ट्राय के शासक वर्ग मे अपने विजयी होने गलतफहमी भर गई थी
पिछले बीते समय मे सबसे पहला ट्राय का घोड़ा छोड़ा गया जब आईसिस ने सीरीया और इराक मे निजामे मुस्तफा कायम किया खून और बारूद के ढेर लगगये सारी उम्मत अपने हम मजहब सउदीअरब ना जाकर योरोप की तरफ भागी पर सीमा पार नही करने दिगई उनको तब तुर्की के समुद्री तट पर एक सीरीयन बच्चे "अयान कुर्दी के रूप मे ट्राय का अश्व छोड़ा गया
अति लिबरल और मानवतावादि योरोप पश्चाताप के विलाप मे डूब गया और शरणार्थियो के लिये योरोपकी सीमाये खोल दी गईं
लोगो ने अपने घरो मे सीरीयन्स को जगह दी
उसके बाद योरोप ने भोगा वो सर्वविदित है
जिनलोगो ने उन्हे घर मे रखा उन्ही की बच्चियों पत्नियों के साथ बलात्कार करे शर्णार्थियों ने
राह चलती औरतो के साथ बदमजगीयां होने लगी
जगह जगह शरीया की मांग की जाने लगी
और इसका सबसे सुंदर रिटर्न गिफ्ट जो शरणार्थियो ने योरोप को दिया वो था "तहर्रूश जमई "और लौंडा नाच"
राह चलती औरत को सौ लोग घेर कर उसको सरेआम नंगा करके बलात्कार करा जाता है अंदर चार पांच लोग यह करते है बाकी चाकू और लाठी के बल औरत को बचाने वाले लोगो को रोकते हैं
यह ड्यूटी बदलती जाती है जब तक पूरी भीड़ उस औरत का उपभोग ना करले
लौंडा नाच के विषय मे तो सब जानते ही हैं
खैर छोड़िये विदेश की बाते अभी परसो नरसो जम्मू के कठुआ मे भी ट्राय का घोड़ा छोड़ा गया एक काश्मीरी मुसलमान आठवर्षिया लड़की आसिफा के रूप मे
जम्मू के हिन्दु बहुलता को खत्म करने के लिये रोहिंग्याओ को जम्मू मे बसाया जारहा था विगत कुछ दिनो इसके खिलाफ जम्मू के हिन्दू आवाज उठाने लगे थे , रैलियां बंद इत्यादी ,सार्वजनिक मंचो पर सह बात उठाई जाने लगी थी हालात काबू से बाहर होते देख कर ट्राय का घोड़ा छोड़ दिया गया
उस बच्ची का बलात्कार करके एक मंदिर के अंदर उसकी लाश रख दी गई
बस फिर क्या था सारे लिबरल, वामपंथी , शांतिप्रिय मीडीया, राजनेता ,साहित्यकार देश मे हिन्दु चरम पंथ के उद्भव के कारण अल्पसंख्यक, दलितऔर स्त्रियों पर होरहे जुल्म ज्यादतियों के खिलाफ अपने तीर तरकश लेकर सन्नध होगये
और सगले राष्ट्रवादी बंधु वर उसी करूणा, दया और सबसे ज्यादा पश्चाताप के ज्वार से सराबोर हो क्षमावाणी उच्चारने लगे
मंदिर मे लाश मिली है तो हिन्दुओ ने ही करा होगा
शांतिप्रिय इलहामी तो बेचारे ऐसा कुछ नही सकते
देख लीजीये हर तरफ राष्ट्रवाद के झंडाबरदार पश्चाताप की मुद्रा मे रूदन कर रहें हैं
अपना मूल उद्देश्य छोड़कर सब ट्राय के घोड़े के अनुगामी हो गये सफेद झंडिया लहराते हुये
सारे हिन्दुधर्म को दोषी बताते वामपंथी और उनके सामने मूक बनकर खड़े दक्षिण पंथि यह भूल गये की हजार सालो से ऐसे ना जाने कितने बलात्कारो को हमारे पूर्वजो ने सहन करा और पिछले कुछ वर्षो से चालू लव जिहाद भी इसी रणनीती का एक कूट रूप है
जम्मू मे बसे रोहिंग्याओ की अवैध बस्ती भूल गये हर गैर कानूनी और देशविरोधक कामो मे उनकी संल्गनता भूल गये ,पाकिस्तानी और काश्मीरी आतंकवादियो से उनकी गलबहियें भूल गये
याद रहा तो बस मंदिर और उसमे पड़ी लाश या कहेट्राय का घोड़ा
सब गिल्टी कॉंशियस है
हम यहां वर्तमान चौड़ी छाती क उपवासी े परधान की बात नही कररहे हैं वो तो कल परसो मे "राष्ट्र की बेटी आसिफा को श्रद्धांजलि दे देंगे
हम दुखी है जम्मू के लिये
दस साल के अंदर जम्मू से हिन्दू पलायन शुरू होगा लिखा कर रख लीजीये पर इससे अभी किसी को कोई मतलब नही सब तो मगन है
और ट्राय का घोड़ा सरपट दौड़ा चलाजारहा है
(सभी मित्र जिनको यह गलत लगरहा हो वो हमको अमित्र करें , ब्लॉक करें आई डी की रिपोर्ट करने के लिये स्वतंत्र हैं बेहतरीन मौका है लाभ उठाईये 😊)
अविनाश भारद्वाज शर्मा जी से साभार
लोग करूणा से भर गये उसकी सहायता करी लोगो ने
उसका अपना एक कच्चाघर तो था ही रहने खाने के लिये लोग आर्थिक सहायता देते
कुछ दिन बाद उसने एक और व्यक्ति से शादी की साल दो साल बाद वह भी चला गया और कारण वही अपंग बालक
यही वाक्या तीसरी बार दोहराया गया
तबतक वो महिला सबल स्थिती मे आचुकी थी
अवैध जुआ, सट्टा , वेश्यावृत्ति सब कुछ वह चलवाती थी आप बोलें वह चीज हाजिर करवादे
बस रूपया मुंह पर फेंकिये
गुना शहर मे स्मैक क्या चीज होती है इसका परिचय उसीने करवाया था
लाखो की उधारी बंटती दस दस टका ब्याज लेती
बाद मे जब प्रशासन सख्त हुआ तो उसके धंधो पर नकेल लगाई गई कई जगह से सूत्र पकड़ते हुये वो गिरफ्तार हुई
जब मार पड़ी तो एक विलक्षण बात निकल कर आई की उसका कोई पति उसे छोड़कर नही गया था
तीनो पतियों को उसने ही मारडाला था जहर देकर
और उन तीनो की लाश अपने कच्ची रसोई घर के फर्श मे गाड़ रखी थी उसी पर चूल्हा बना कर वो धन्य छाती की महिला रोज दसियो पकवान बना कर खाती थी और इस काम मे उसका सहयोग करता वो पांव से अपंग छोरा जो वास्तव मे उसकी संतान नही था
वो तो केवल एक आड़ था जिसके जरिये वो औरत स्थानिय लोगो से सहानुभूति आर्थिक और भावनात्म सहायता पा लेती थी
हमको याद आया की पिताजी ने तब कहा था की वो लंगड़ा लड़का उस औरत का ट्रोजन हॉर्स था
जिन लोगो को लगे की हम यह गल्प लिख रहे हैं वो गुना कोतवालीमे इस मुकदमे की तसदीक करसकते हैं
हां याद आया उस औरत का नाम बहुत शानदार प्रचलित था "डिस्को भाभी"
ट्राय का घोड़े की कहानी विश्वप्रसिद्ध है
लगभग हर पढ़े लिखे इंसान ने कभी ना कभी पढ़ी सुनी है
ट्रय के अभेद्य किले बंदी को तोड़ने के लिये युद्धरत एथेंस वासियो ने युद्ध से पीछे हटने का दिखावा किया और एक बहुत बड़ा लकड़ी का घोड़ा उपहार स्वरूप रख गये
ट्राय वाले उसे किलेॉके अंदर ले गये लेकिन उसमे छुपे योद्धाओं ने रात को किले के दरवाजे को खोल दिया और छुपे उसे यूनानियो ने अविजित ट्राय का सर्वनाश कर दिया
यह महागाथा महान यूनानी कवि होमर ने लिखी है " ओडिसी " के नाम से
होमर जन्मांध थे
यह अश्व एक पुतला ना होकर एक रणनीती थी जो तब से लेकर आजतक सदियो से सभ्यताओं ,राज्यो द्वारा खेली जाती रही
ट्राय का वो महान अश्व लकड़ी का बना था
पर हर बार वो लकड़ी का बने यह जरूरी नही
आज कल वो ट्राय का घोड़ा मांस क भी बनने लगा है
मानव मांस का
वो भी उस वर्ग का जिसको देख कर अविजित शत्रुओ के मन में वैसे ही करूणा, दया ,इंसानियत ,पश्चाताप की भावनाओं का ज्वार आये जैसे कभी ट्राय के मूल अश्व को देख कर ट्राय के शासक वर्ग मे अपने विजयी होने गलतफहमी भर गई थी
पिछले बीते समय मे सबसे पहला ट्राय का घोड़ा छोड़ा गया जब आईसिस ने सीरीया और इराक मे निजामे मुस्तफा कायम किया खून और बारूद के ढेर लगगये सारी उम्मत अपने हम मजहब सउदीअरब ना जाकर योरोप की तरफ भागी पर सीमा पार नही करने दिगई उनको तब तुर्की के समुद्री तट पर एक सीरीयन बच्चे "अयान कुर्दी के रूप मे ट्राय का अश्व छोड़ा गया
अति लिबरल और मानवतावादि योरोप पश्चाताप के विलाप मे डूब गया और शरणार्थियो के लिये योरोपकी सीमाये खोल दी गईं
लोगो ने अपने घरो मे सीरीयन्स को जगह दी
उसके बाद योरोप ने भोगा वो सर्वविदित है
जिनलोगो ने उन्हे घर मे रखा उन्ही की बच्चियों पत्नियों के साथ बलात्कार करे शर्णार्थियों ने
राह चलती औरतो के साथ बदमजगीयां होने लगी
जगह जगह शरीया की मांग की जाने लगी
और इसका सबसे सुंदर रिटर्न गिफ्ट जो शरणार्थियो ने योरोप को दिया वो था "तहर्रूश जमई "और लौंडा नाच"
राह चलती औरत को सौ लोग घेर कर उसको सरेआम नंगा करके बलात्कार करा जाता है अंदर चार पांच लोग यह करते है बाकी चाकू और लाठी के बल औरत को बचाने वाले लोगो को रोकते हैं
यह ड्यूटी बदलती जाती है जब तक पूरी भीड़ उस औरत का उपभोग ना करले
लौंडा नाच के विषय मे तो सब जानते ही हैं
खैर छोड़िये विदेश की बाते अभी परसो नरसो जम्मू के कठुआ मे भी ट्राय का घोड़ा छोड़ा गया एक काश्मीरी मुसलमान आठवर्षिया लड़की आसिफा के रूप मे
जम्मू के हिन्दु बहुलता को खत्म करने के लिये रोहिंग्याओ को जम्मू मे बसाया जारहा था विगत कुछ दिनो इसके खिलाफ जम्मू के हिन्दू आवाज उठाने लगे थे , रैलियां बंद इत्यादी ,सार्वजनिक मंचो पर सह बात उठाई जाने लगी थी हालात काबू से बाहर होते देख कर ट्राय का घोड़ा छोड़ दिया गया
उस बच्ची का बलात्कार करके एक मंदिर के अंदर उसकी लाश रख दी गई
बस फिर क्या था सारे लिबरल, वामपंथी , शांतिप्रिय मीडीया, राजनेता ,साहित्यकार देश मे हिन्दु चरम पंथ के उद्भव के कारण अल्पसंख्यक, दलितऔर स्त्रियों पर होरहे जुल्म ज्यादतियों के खिलाफ अपने तीर तरकश लेकर सन्नध होगये
और सगले राष्ट्रवादी बंधु वर उसी करूणा, दया और सबसे ज्यादा पश्चाताप के ज्वार से सराबोर हो क्षमावाणी उच्चारने लगे
मंदिर मे लाश मिली है तो हिन्दुओ ने ही करा होगा
शांतिप्रिय इलहामी तो बेचारे ऐसा कुछ नही सकते
देख लीजीये हर तरफ राष्ट्रवाद के झंडाबरदार पश्चाताप की मुद्रा मे रूदन कर रहें हैं
अपना मूल उद्देश्य छोड़कर सब ट्राय के घोड़े के अनुगामी हो गये सफेद झंडिया लहराते हुये
सारे हिन्दुधर्म को दोषी बताते वामपंथी और उनके सामने मूक बनकर खड़े दक्षिण पंथि यह भूल गये की हजार सालो से ऐसे ना जाने कितने बलात्कारो को हमारे पूर्वजो ने सहन करा और पिछले कुछ वर्षो से चालू लव जिहाद भी इसी रणनीती का एक कूट रूप है
जम्मू मे बसे रोहिंग्याओ की अवैध बस्ती भूल गये हर गैर कानूनी और देशविरोधक कामो मे उनकी संल्गनता भूल गये ,पाकिस्तानी और काश्मीरी आतंकवादियो से उनकी गलबहियें भूल गये
याद रहा तो बस मंदिर और उसमे पड़ी लाश या कहेट्राय का घोड़ा
सब गिल्टी कॉंशियस है
हम यहां वर्तमान चौड़ी छाती क उपवासी े परधान की बात नही कररहे हैं वो तो कल परसो मे "राष्ट्र की बेटी आसिफा को श्रद्धांजलि दे देंगे
हम दुखी है जम्मू के लिये
दस साल के अंदर जम्मू से हिन्दू पलायन शुरू होगा लिखा कर रख लीजीये पर इससे अभी किसी को कोई मतलब नही सब तो मगन है
और ट्राय का घोड़ा सरपट दौड़ा चलाजारहा है
(सभी मित्र जिनको यह गलत लगरहा हो वो हमको अमित्र करें , ब्लॉक करें आई डी की रिपोर्ट करने के लिये स्वतंत्र हैं बेहतरीन मौका है लाभ उठाईये 😊)
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